ADARSH PANDEY

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लेखनी कहानी -14-May-2022

लेखक आदर्श पाण्डेय
कवित- स्त्री


झुकना होता है तो झुक जाती है 
     लड़ना होता है तो लड़ जाती है 
   

       कभी बनती है लक्ष्मीबाई 
      तो कभी बनती है मीरा बाई 
       

       प्रेम करो तो राधा बनती है 
       युद्ध  करो तो लक्ष्मीबाई है 


   जो प्रेम धैर्य कर्तव्य से परिवार चलाती है
   वो और कोई नहीं सिर्फ़ स्त्री कहलाती है।

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9 Comments

Neha syed

14-May-2022 09:33 PM

👏👏

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Anam ansari

14-May-2022 09:23 PM

Nice

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Haaya meer

14-May-2022 09:01 PM

Very nice

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